मुख्यमंत्री भूपेश बघेल नवरात्र पर्व के अवसर पर राजधानी रायपुर स्थित शहीद स्मारक भवन में रामलीला के मंचन ‘कौशल्या के राम’ का आरती पूजन और दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारंभ किया। उन्होंने इस अवसर पर कहा कि भगवान श्रीराम के ननिहाल छत्तीसगढ़ की धरती में राम वन गमन पथ और चन्दखुरी स्थित माता कौशल्या के मंदिर को विकसित कर पर्यटन और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण पहचान दी जाएगी। कार्यक्रम की अध्यक्षता विधानसभा के अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने की।
मुख्यमंत्री बघेल ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ की पावन धरा मर्यादा पुरूषोत्तम भगवान श्री राम का ननिहाल है। यहां के कण-कण में भगवान राम का नाम रचा-बसा हुआ है। राम नाम छत्तीसगढ़ की वैभवपूर्ण संस्कृति का अहम हिस्सा है। यहां लोग एक-दूसरे से मिलने पर अभिवादन स्वरूप राम-राम, प्रातः काल सोकर उठने तथा रात को सोने के पहले राम का नाम लेते ही हैं। छत्तीसगढ़ के गांव-गांव में अन्न का भण्डार ‘राम कोठी’ के नाम से होता है। इस तरह हमारे लोक गीत, संगीत, साहित्य तथा संस्कृति में राम नाम गहराई से जुड़ा हुआ है। उन्होंने कहा कि मर्यादा पुरूषोत्तम राम के प्रति सम्पूर्ण छत्तीसगढ़वासियों की गहरी आस्था और श्रद्धा है।
कार्यक्रम में कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे ने कहा कि हमारे जन-जीवन और संस्कृति में मर्यादा पुरूषोत्तम राम भावनात्मक रूप से जुड़े हुए हैं। उनके वन गमन का अधिकांश समय छत्तीसगढ़ की पावन धरा में गुजरा था। छत्तीसगढ़ में राम वन गमन पथ के इस महत्वपूर्ण धरोहर को सहेजने और सवारने के लिए सरकार द्वारा हर संभव पहल की जा रही है। कार्यक्रम में स्वागत-उद्बोधन नगर पालिक निगम रायपुर के महापौर प्रमोद दुबे ने दिया। आभार प्रदर्शन श्री विकास तिवारी ने किया। कौशल्या के राम नाटक का मंचन 4 अक्टूबर से 6 अक्टूबर तक किया जाएगा। यह मंचन शाम 7 बजे से रात्रि 10 बजे तक होगा। मथूरा के स्वामी राघवेन्द्र देव चतुर्वेदी के निर्देशन में छत्तीसगढ़ के कलाकारों द्वारा मंचन किया जा रहा है।
इस अवसर गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू, वन मंत्री मोहम्मद अकबर, स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल, सांसद श्रीमती छाया वर्मा, विधायक मोहन मरकाम, जिला पंचायत रायपुर की अध्यक्ष श्रीमती शरदा वर्मा सहित नागरिक बड़ी संख्या में उपस्थित थे।