Home छत्तीसगढ़ भामाशाह और राजाओं की परम्परा जीवित है नांदगांव के दानवीरों में-सांसद

भामाशाह और राजाओं की परम्परा जीवित है नांदगांव के दानवीरों में-सांसद

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राजनांदगांव(दावा)। कोरोना के संक्रमण से सम्पूर्ण विश्व सहित राष्ट्र जूझ रहा है, वही राजनांदगांव के नागरिको के सेवाभाव व दानवीरता से सांसद ने कृतज्ञता प्रकट करते हुए भाव व्यक्त किए हैं। उन्होंने लॉकडाउन के आरम्भ से ही राजनांदगांव संस्कारधानी के नाम को चरितार्थ करते हुए यंहा के उद्योगपतियों, व्यवसायियों, अशासकीय संस्थाओ, मंडल, समितियों सहित प्रत्यक्ष व गुप्तदान देने वाले नागरिको के दानवीरता व सेवाभाव ने भामाशाह व राजनांदगांव के विभिन्न रियासतों के राजाओं के दान की परम्परा को जीवित रखा है और सिद्ध किया है कि दानवीरता राजनांदगांव के खून मे है। दिहाड़ी, प्रवासी मजदूरो, अल्प-वेतन भोगी कर्मचारी व छात्र-छात्राएं जो अपने घरो तक समय पर नहीं पंहुच पाने के कारण जहाँ राशन व पैसों की कमी से जूझ रहे है, ऐसे समय में जन-प्रतिनिधियों, शासकीय अधिकारी व कर्मचारी, पत्रकार बंधुओ, नागरिकों ने जो तत्परता दिखाई, बढ़-चढक़र शासन प्रशासन का साथ दिया वह अभिभूत करने वाला है। ऐसे समय पर राजनांदगांव का सेवाभाव
अनुकरणीय है। प्रतीत होता है कि नागरिकों मे सेवा करने की होड़ लगी हुई है। सांसद ने सेवाभावी महानुभावों को कृतज्ञता प्रकट करते हुए विनती किया है कि संक्रमण से स्वयं व परिवार को सुरक्षित रखने के शासन के निर्देशों का पालन भी सेवाभाव के दौरान करें तथा ईश्वर से प्रार्थना है कि सेवाभावी नागरिक स्वस्थ रहें।

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