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जरूरतमंदों को नि:शुल्क भोजन शासन की प्राथमिकता-कलेक्टर

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राजनांदगांव (दावा)। कलेक्टर जयप्रकाश मौर्य ने कोरोना वायरस की वजह से लॉकडाउन के कारण भोजन से वंचित लोगों तक नि:शुल्क भोजन पहुंचाने के लिए जिला पंचायत की सभागृह में शहर के स्वयं सेवी संस्थाओं, सामाजिक संगठनों, समाज सेवी संस्थाओं, स्वैच्छिक संस्थाओं, व्यापारिक संगठनों के प्रमुखों की बैठक ली। गरीब एवं जरूरतमंदों को नि:शुल्क भोजन प्रदान करने की व्यवस्था के संबंध में उन्होंने सभी से चर्चा की।
उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस कोविड-19 के विश्वव्यापी दुष्प्रभाव को देखते हुए प्रधानमंत्री ने राज्य शासन से लॉक डाउन करने के लिए कहा है ताकि सभी नागरिक जहां है वहीं बने रहे और इस संक्रामक बीमारी से बचाव एवं रोकथाम हो सके। राज्य शासन की ओर से गरीब, असहाय, बेघरबार लोगों के लिए भोजन की व्यवस्था और दवा उपलब्ध कराया जाएगा। राज्य शासन इस बात के लिए प्रतिबद्ध है कि मजदूरों को भोजन की समस्या नहीं होनी चाहिए और उनके लिए नि:शुल्क भोजन की व्यवस्था की जानी है। बैठक के दौरान कलेक्टर श्री मौर्य की अपील पर विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों ने नगद राशि घोषणा की। कलेक्टर ने कहा कि राज्य से बाहर गए मजदूर वापस आ गए हैं। अन्य राज्यों के मजदूर भी यहां है और इन सभी की भोजन की व्यवस्था की जानी है। सभी संसाधनों का समुचित उपयोग करते हुए सारी व्यवस्था करनी होगी। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा अधिकतर लोगों को उज्ज्वला गैस का कनेक्शन दिया गया है। राज्य सरकार की सार्वभौमिक पीडीएस योजना के तहत एपीएल तथा अन्य बीपीएल परिवारों के लिए राशन कार्ड बनाए गए हैं।
इन परिवारों को राशन कार्ड में चावल, शक्कर, नमक दिया जा रहा है। ऐसी परिस्थिति में भोजन सिर्फ उन लोगों को दिया जाएगा जो वास्तविक जरूरतमंद है। उन्होंने कहा कि दिव्यांगों, बुजुर्गों, अकेली विधवा महिलाओं, महिलाओं, बच्चों एवं जरूरतमंद नागरिकों को प्राथमिकता से भोजन उपलब्ध कराने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि इसके लिए जरूरतमंद लोगों की सूची बनाई जाएगी। सूची बनाने के लिए सर्वे का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने सभी नागरिकों को लॉकडाउन का कठोरता से पालन करने के निर्देश दिए हैं। कलेक्टर श्री मौर्य ने कहा कि अन्य राज्यों से आए हुए मजदूर कोरोना वायरस की संक्रामक बीमारी को देखते हुए अपने रोजगार को छोडक़र यहां से जा रहे हैं। ऐसे मजदूरों को यहां रूकने के लिए कहा जा रहा है। गरीब एवं जरूरतमंद हमारे लिए भार नहीं है बल्कि वे हमारा सहयोग करते हैं। श्रमिकों के जाने से अर्थव्यवस्था में अनिवार्य वस्तुओं का सप्लाई चेन प्रभावित होगा। हमें इस सप्लाई चेन को बनाए रखने की जरूरत है। हमें उन्हें रोककर भोजन देने की व्यवस्था करनी होगी और उन्हें यहां रोकना होगा। उन्होंने कहा कि मनरेगा की मजदूरी 178 रूपए से बढ़ाकर 190 रूपए कर दी गई है। वर्तमान में जिले में प्रतिदिन लगभग डेढ़ लाख लोगों को मनरेगा के तहत रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में श्रमिक मजदूरी करते रहेंगे और ग्रामीण आर्थिक व्यवस्था में चिंता जैसी कोई बात नहीं है। उन्होंने कहा कि अनिवार्य सेवाओं में लगे सभी लोग एसडीएम से जाकर अपना पास बनवाएं। थोक विक्रेता सुबह 7 बजे से दोपहर 12 बजे तक गाडिय़ों के लिए एसडीएम से पास जाकर बनवा लें। कलेक्टर श्री मौर्य ने कहा कि कोई भी नागरिक एक-दो माह का राशन घर में लेजाकर न रखे यह जमा खोरी है और इसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने सभी ठेकेदारों से कहा है कि अपने संस्थानों में कार्यरत श्रमिकों के लिए भोजन की व्यवस्था करें और उनका वेतन समय पर दें अन्यथा औद्योगिक संस्थानों को सील करने की कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने सभी दानदाताओं से मुख्यमंत्री राहत कोष में दान करने की अपील की। पुलिस अधीक्षक जितेन्द्र शुक्ला ने कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण का दौर सबके के लिए कठिन दौर है। इस दौर से निकलने के लिए मिलजुलकर कार्य करना होगा। उन्होंने पुलिस विभाग की ओर से हर संभव सहयोग की बात करते हुए कहा कि पुलिस विभाग के कर्मचारी अपनी पुलिसिंग कार्य के अलावा सामाजिक दायित्वों का निर्वहन भी कर रही है। वर्तमान समय में जनता को धैर्य और आत्मसंयम बरतनी चाहिए। पुलिस को आम जनता का सहयोग भी मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि सभी नागरिक अपने घरों में अनिवार्य वस्तुएं रखें लेकिन बाकी सुविधाओं में कटौती करे। बैठक में अपर कलेक्टर ओंकार यदु, अपर कलेक्टर हरिकृष्ण शर्मा, जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्रीमती तनुजा सलाम, नगर निगम आयुक्त चंद्रकांत कौशिक, एसडीएम राजनांदगांव मुकेश रावटे सहित वरिष्ठ प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारी उपस्थित थे।

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