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सोशल डिस्टेसिंग के पालन से कोरोना वायरस की होगी रोकथाम – कलेक्टर श्री मौर्य

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लॉकडाउन की समाप्ति के बाद की कार्ययोजना बनाने के संबंध में कलेक्टर ने ली अधिकारियों की बैठक
राजनांदगांव 04 अप्रैल 2020। कलेक्टर श्री जयप्रकाश मौर्य ने आज कलेक्टोरेट सभाकक्ष में लॉकडाउन के समाप्ति के बाद की कार्य योजना बनाने के संबंध में सभी विभाग के जिला स्तरीय अधिकारियों की बैठक ली। श्री मौर्य ने कहा कि लॉकडाउन समाप्त होने के बाद भी इसके लिए हमें पहले से तैयारी करनी होगी और इस दुष्प्रभावों को रोकने के लिए कारगर कदम उठाने होंगे। सोशल डिस्टेसिंग के माध्यम से ही कोरोना वायरस की रोकथाम की जा सकती है। इस अवसर पर अपर कलेक्टर श्री हरिकृष्ण शर्मा, जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्रीमती तनुजा सलाम, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मिथलेश चौधरी एवं विभिन्न विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे।

कलेक्टर श्री मौर्य ने कहा कि जिले की जनसंख्या 17 लाख है। कोरोना वायरस से लडऩे के लिए 200 आईसोलेशन बेड की व्यवस्था की गई है। जिसके लिए 450 मेडिकल कर्मचारी उपस्थित है। कोरोना वायरस के इलाज के लिए 50 पीपीटी किट भी उपलब्ध है। अभी सबसे महत्वपूर्ण सोशल डिस्टेसिंग को बनाए रखना जरूरी है। इसके लिए यह आवश्यक है कि समुदाय को सोशल डिस्टेसिंग के बारे में जागरूक किया जाए। ताकि लॉकडाउन समाप्त होने के बाद भी सभी लोग सोशल डिस्टेसिंग का पालन करे। श्री मौर्य ने सोशल डिस्टेसिंग बनाए रखने के लिए सभी जिला अधिकारियों को कार्ययोजना तैयार करने के दिशा-निर्देश दिए हैं। श्री मौर्य ने कहा कि 14 अप्रैल के बाद लॉकडाउन समाप्त होने के बाद सभी दुकाने खुल जाएगी। सभी जगहों पर भीड़ इक_ी होगी। इसे रोकने के लिए श्री मौर्य ने नगर निगम आयुक्त श्री चंद्रकांत कौशिक को सभी दुकानदार संघ की बैठक लेकर दिशा-निर्देश देने को कहा है। साथ ही अनुविभागीय अधिकारियों को भी सोशल डिस्टेसिंग का पालन करने के निर्देश दिए है। निर्देश में कहा गया कि सभी दुकानदार डिस्टेसिंग चिन्ह बनाए, दुकानों में भीड़ न लगाए और समझाए कि इससे इन्फेक्शन हो सकता है। दुकानों में सेनेटाईजर की व्यवस्था होनी चाहिए। साथ ही समुदाय के लोग रेल, बाजार, बस स्टेशनों में सोशल डिस्टेसिंग का पालन करें।
श्री मौर्य ने कहा कि ग्राम पंचायतों में मनरेगा का काम चलना चाहिए, साथ ही वहां सोशल डिस्टेसिंग का पालन होनी चाहिए। इसके लिए रोजगार सहायकों को टे्रनिंग देकर तैयार किया जाए। प्रत्येक गांव में लाउड स्पीकर से मुनादी कराके सोशल डिस्टेसिंग के बारे में जागरूक किया जाए। सभी वार्डों में एनसीसी, स्काउड गाइड के बच्चों की टीम बनाया जाए और सोशल डिस्टेसिंग के बारे में टे्रनिंग दी जाए। लॉकडाउन के बाद भी कम से कम कार्यक्रम आयोजित की जाए। श्री मौर्य ने कहा कि स्वयं सहायता समूह के माध्यम से कपड़े का मास्क तैयार किया जाए और गांवों में सभी परिवार को वितरित किया जाए। ताकि कपड़े से बने मास्क का उपयोग धोने के बाद फिर से किया जा सके।
श्री मौर्य ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मिथलेश चौधरी को निर्देशित करते हुए कहा कि मितानीन और एएनएम को कोरोना वायरस कोविड-19 के संबंध में प्रशिक्षित किया जाए। ताकि लोगों को बताएं कि संक्रमण होने पर क्या-क्या सावधानी रखी जाए। साथ ही जिला शिक्षा अधिकारी को निर्देश दिए है कि सभी ब्लॉक शिक्षा अधिकारियों की बैठक ले। 11वीं और 12वीं के छात्र, एनसीसी, स्काउड गाइड के विद्यार्थियों को सोशल डिस्टेसिंग के बारे में ट्रेनिंग दिया जाए ताकि वे सभी गांव के लोगों को जागरूक कर सके।

श्री मौर्य ने कहा कि लॉक डाउन खुलने के बाद फैक्ट्रियों में काम करने वाले श्रमिकों की जानकारी रखे। जिन श्रमिकों को सर्दी, खासी या बुखार की शिकायत होगी उन्हें अस्पताल रिफर करे तथा जो संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में रहे थे उन्हें कार्य करने पर पाबंदी होगी। श्री मौर्य ने निर्देश देते हुए कहा कि सोशल डिस्टेसिंग की जागरूकता के लिए वाल राइटिंग किया जाए। उन्होंने कहा कि मास्क का उपयोग करने के बाद उसे कचड़े में ना फेके इससे इन्फेक्शन फैलने का खतरा होता है। उन्होंने कहा कि इस संक्रमण के रोकथाम में स्वच्छता दीदी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। उनकी सुरक्षा के लिए सभी सुरक्षा सामग्री उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मिथलेश चौधरी ने कोरोना कोविड-19 संक्रमण के बारे में बताते हुए कहा कि कोई भी व्यक्ति जो बाहर यात्रा करके आए हैं या कोरोना पीडि़त व्यक्ति से संपर्क हुआ है उन्हें 28 दिन तक आईसोलेशन में रखना है। जो व्यक्ति 10 मार्च के बाद अन्य राज्य विशेष रूप से मुंबई, पुणे, दिल्ली, बैंगलोर, केरल व हैदराबाद से आए है उन्हें आइसोलशन में रखा जाए। जिन व्यक्ति को सुखी खासी, बुखार या सास लेने में तकलीफ हो उन्हें तत्काल इलाज कराने निर्देशित करें। लोगों के बीच 2 मीटर तक की सोशल डिस्टेसिंग होनी चाहिए। थोड़ी-थोड़ी देर में हाथों को साबुन से धोना चाहिए। किसी भी जगह 5-6 लोगों का ग्रुप नहीं होनी चाहिए। बिना कारण किसी के घर आना-जाना नहीं हो। सामान्य वायरल फिवर होने पर भी मास्क का उपयोग करें।
नगर निगम आयुक्त श्री चंद्रकांत कौशिक सुझाव देते हुए कहा कि शहरों में बहुत सी इकोनामिक एक्टिविटी होती है इसे कम करने का प्रयास किया जाएगा। सभी सार्वजनिक स्थानों, उद्यान, पार्क, स्टेशनों को सेनेटाईज किया जाएगा। स्वच्छता पर विशेष रूप से ध्यान दिया जाना चाहिए। सोशल डिस्टेसिंग के बारे में जागरूकता लानी होगी। साथ ही शासन के दिए निर्देशों का पालन किया जाना चाहिए।
श्रम विभाग के अधिकारियों ने बताया कि 14 अप्रैल को लॉकडाउन समाप्त होने के बाद श्रमिक में कार्य करने के लिए भय की स्थिति है। ऐसी स्थिति में श्रमिक संघ की बैठक लेकर श्रमिकों के बीच काउसलिंग करना आवश्यक है। साथ ही अधिकारी फैक्ट्री में स्वयं जाकर जांच करे कि उन स्थानों पर सेनेटाइज किया गया है। इसी प्रकार सभी विभागों के अधिकारियों ने कोरोना संक्रमण कोविड-19 के रोकथाम के लिए अपने-अपने सुझाव व्यक्त किए।

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