० सैनिटाइजर की जगह स्प्रे किये जा रहे डेटाल पानी व सेवलान ० त्वचा व आंखों में दुष्प्रभाव की शिकायत राजनांदगांव(दावा)। कोरोना वायरस से बचाव के लिए अपने ढंग से सुरक्षात्मक उपाय कर रहे है। कुछ लोग जुगाड़ की चीजों से सैनिटाइजर मशीन बनाइ गई है तो कुछ लोग मास्क बना कर बांट रहे है। कुछ लोग बाहर से बने सैनिटाइजर मशीन मंगवाकर शहर में लगाने के प्रयास में भी जुटे हैं, लेकिन जब से लोगों में विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जारी गाइडलाइन का पता चला है, लोग सैनिटाइजर मशीन लगाने से हाथ खीचने लगे है। जिला चिकित्सालय में जीवनदान समिति द्वारा लगाया गया सैनिटाइजर टनल को बंद करवा दिया गया है। इसी तरह मेडिकल कालेज पेड्री में लगाए गये सैनिटाइजर मशीन को फिलहाल बंद करवा दिया गया है। मिली जानकारी के अनुसार कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाने हेतु लगाया जाने वाला सैनिटाइजर टनल मानवीय शरीर के साथ ही जानववरों व पशु-पक्षियों के लिए हानिकारक है। इसमें छिडक़ाव किये जाने वाला द्रव ओरिजनल व मानक स्तर का नहीं होने के कारण शरीर पर दुष्प्रभाव छोड़ता है। कई स्थानों पर सैनिटाइजर द्रव्य नहीं मिलने के कारण डेटाल पानी का उपयोग किया जा रहा था। लोग यह भी बताते है कि सैनिटाइजर टनल के माध्यम से छिडक़ाव किये जाने वाली सामग्री मिलाया जाने वाला केमिकल जिसमें पानी व स्प्रिट होता है। आंखों व त्वचा के लिए घातक है। कई राज्यों ने इसे बंद करा दिया है। ज्ञात हो कि शहर में पांच-छह जगहों पर सैनिटाइजर मशीन (टनल) लगाया गया है, जिससे शहर के युवा जनों द्वारा जुगाड़ की चीजों से बनाये गये जीवन दान समिति के सैनिटाइजर मशीन सोमनी थाना सहित जिला चिकित्सालय व पेंड्री स्थित मेडिकल कालेज परिसर में संचालित है। इसी तरह समाज सेवी संस्था उदयाचल द्वारा नेत्र चिकित्सालय के प्रवेश द्वार पर उक्त जुगाड़ की सैनिटाइजर मशीन लगाया गया है। गुरूवार को वार्ड नं. की पार्षद सुनीता फडनवीसा द्वारा पार्षद निधि की राशि 30 हजार रूपये खर्च कर भदौरिया चौक में सैनिटाईजर मशीन लगाया गया था जिसे अज्ञात तत्वों द्वारा उखाड़ फेका गया था। उसे फिर से चालू कर दिया गया है। उदयाचल नेत्र चिकित्सालय के नेत्ररोग विशेषज्ञ डॉ. विकास अग्रवाल ने बताया कि उनके यहां के सैनिटाइजर टनल में सोडियम हाइपोक्लोराईड द्रव से सिंचन किया जाता है। इसी तरह लाल बाग थाने में ओपन तरीके से लगे सैनिटाइजर मशीन से डेटाल व सेवलान का छिडक़ाव किया जा रहा है। जिससे किसी प्रकार की शिकायत नजर नहीं आ रही लालबाग थाना प्रभारी आशीर्वाद रहटगांवकर ने बताया कि यदि विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जारी गाइड लाइन के अनुसार कि सैनिटाइजर टनल मानवीय शरीर के साथ जानवरों के लिए भी हानिकारक है पर मनाही की जाती है तो इसे चलाने से बंद किया जा सकता है। बहरहाल मेडिकल कालेज अस्पताल अधीक्षक डॉ. प्रदीप बैक के अनुसार अस्पताल परिसर में लगे सैनिाइजर टनल को बंद करा दिया गया है। इस संबंध में छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य विभाग को भी अवगत कराया जा रहा। बताया जाता है कि इस सैनिटाइजर टनल से केवल ठंडे पानी का छिडक़ाव किया जा रहा था जो किसी मतलब का नहीं था।