बच्चे का दाह संस्कार के बाद पति मिलने पहुंचा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र
छुरिया(दावा)। हैदराबाद से पहुंची एक श्रमिक महिला ने सडक़ के पास बच्चे को जन्म दिया। बोईरडीह के पास पहुंचने के दौरान अत्यधिक प्रसव पीड़ा होने पर तत्काल मितानिन तथा ग्रामीणों के सहयोग से स्थल पर ही सुविधाएं मुहैया करायी गयी। मृतक बच्चे के जन्म होने पर महिला तथा उसके पति एवं अन्य लोगों ने इसकी जानकारी 102 को दी। बाद में स्थानीय उपचार के बाद महिला को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र छुरिया में भर्ती कराया गया। इस दौरान महिला के पति ने बच्चे का दाह संस्कार करने के बाद अस्पताल पहुंचा था। पत्नी से मुलाकात नहीं करने देने पर पति ने जमकर हंगामा मचाया। आखिरकार पुलिस की समझाईश के बाद उसका गुस्सा शांत हुआ, लेकिन इसके पहले घटित घटनाओं से श्रमिकों के लिए की जा रही व्यवस्थाओं की भी पोल खुल गई। जानकारी अनुसार छह श्रमिक जिसमें एक गर्भवती महिला भी शामिल थी तीन दिन पहले श्रमिकों का यह दल हैदराबाद से छुरिया ब्लाक के ग्राम जोशीलमती आ रहे थे। किसी तरह अन्य संसाधनों से ये सभी श्रमिक बॉर्डर पार करते हुए देर रात चिचोला पहुंचे और सुबह पैदल अपने गृह ग्राम की ओर निकल पड़े। इसी बीच ग्राम ग्राम बोईरडीह पहुंचने पर सडक़ पर गर्भवती महिला को अत्यधिक प्रसव पीड़ा हुई, वहां पर मौजूद ग्रामीणों के सहयोग से मितानिनों को बुलाया गया। मितानिनों के पहुंचते ही सडक़ के पास ही महिला ने मृत बच्चे को जन्म दिया। तत्काल मितानिनों ने इसकी सूचना 102 को दी। कुछ क्षण पश्चात 102 वाहन की मदद से गर्भवती महिला को छुरिया सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र लाया गया, जहां उसका प्राथमिक उपचार किया जा रहा है।
पत्नी से नहीं मिलने देने पर पति ने मचाया हंगामा
मृत नवजात शिशु का जोशीलमती में अंतिम संस्कार करने के बाद सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र छुरिया पहुंचे गर्भवती महिला के पति ने पत्नी से मिलना चाहा, जहां उसे मिलने की अनुमति नहीं देने पर वह विचलित हो उठा और अस्पताल परिसर में हंगामा करने लगा। वहां मौजूद डॉक्टरों ने उसे काफी समझाने का प्रयास किया। नहीं मानने पर पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस द्वारा मान मनौव्वल करने के बाद गभर्वती महिला की सास को ही मिलने की अनुमति दी गई, तब जाकर गर्भवती महिला के पति का गुस्सा शांत हुआ।
अभी भी लौट रहे मजदूर, बॉर्डर पर कोई सुविधा नहीं
लॉकडाऊन के दौरान अभी भी बाहरी प्रदेशों से बड़ी संख्या में मजदूर साधन नहीं मिलने के कारण पैदल ही लौट रहे हैं। बॉर्डर पर उन्हें कोई सुविधा नहीं मिल रही है। ग्राम जोशीलमती की गर्भवती महिला को भी चिकित्सकीय सुविधा नहीं मिल पायी, न तो उसे अस्पताल पहुंचाया गया, जिसके चलते उसे सडक़ पर प्रसव पीड़ा हुई और उसने रास्ते में ही मृत बचचे को जन्म दिया।