Home छत्तीसगढ़ जेसीबी और हाइवा छोडक़र भागे मुरूम चोर, अफसर ने की खानापूर्ति

जेसीबी और हाइवा छोडक़र भागे मुरूम चोर, अफसर ने की खानापूर्ति

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ग्राम पंचायत बुद्धूभरदा का मामला, नहीं हुई गाडिय़ों की जप्ती
राजनांदगांव(दावा)। डोंगरगांव विकासखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत बुद्धूभरदा में आज एक वाकया सामने आया जब, नायब तहसीलदार की गाड़ी को आते देख मुरूम चोरी में लगे लोग जेसीबी मशीन और हाइवा को छोडक़र भाग निकले। आखिरकार नायब तहसीलदार द्वारा भी इस मामले में खानापूर्ति के रूप में कार्यवाही की गई, जबकि अवैध उत्खनन में लगे वाहनों को नियमत: जप्त किया जाना था।
सूत्रों के अनुसार बुद्धूभरदा में जिस खेत से अवैध रूप से मुरूम निकाली जा रही थी, उसके लिए न तो पंचायत से अनुमति ली गई थी और न ही खनिज विभाग से। खेतों से भारी मात्रा में अवैध उत्खनन कर मुरूम की निकाली का काम चल रहा है। ठेकेदार द्वारा एक खेत की अनुमति लेकर अन्य किसानों के खेतों को भी बर्बाद किया जा रहा है। ठेकेदारों के द्वारा उक्त भूमि से सप्ताह भर से अधिक समय से जेसीबी से खेत की खुदाई कर मुरूम निकाली जा रही थी, जिसे हाइवा में भरकर परिवहन किया जा रहा था। इसकी सूचना डोंगरगांव एसडीएम विरेन्द्र सिंह को मिलने पर उन्होंने नायब तहसीलदार लीलाधर कंवर को निर्देशित किया। इसके बाद श्री कंवर आज दोपहर में बुद्धूभरदा पहुंचे। उस दौरान मौके पर एक जेसीबी और हाइवा वाहन खड़ा था, जबकि दो हाइवा मुरूम लोडकर रवाना हो चुका था। तहसीलदार की गाड़ी को आते देख दोनों वाहनों के चालक और कर्मचारी वहां से वाहन सहित भागने की फिराक में थे, किंतु और कोई रास्ता नहीं होने पर लोग जेसीबी और हाइवा को छोडक़र मौके से भाग निकले। इसके बाद श्री कंवर द्वारा पटवारी को मौके पर बुलवाकर संबंधित खेत का नापजोख कराया गया।
आठ दिनों में सिर्फ 300 घनमीटर मुरूम की निकासी ?
इस मामले में अभी तक यह पता नहीं चला है कि खेत का मालिक कौन है और किस आधार पर ठेकेदारों को खेत से मुरूम निकालने की अनुमति दी गई थी? इस मामले में नायब तहसीलदार डोंगरगांव श्री कंवर का कहना है कि पंचनामा और बयान लिया हूं। कार्यवाही हेतु एसडीएम साहब को प्रतिवेदन कल प्रेषित करूँगा। लगभग 300 घनमीटर मुरुम स्पॉट से निकाला गया है।
श्री कंवर के इस बयान पर गौर करें तो यह सोचने वाली बात है कि जिस खेत में आठ दिनों से जेसीबी लगाकर मुरूम की खुदाई और तीन हाइवा से परिवहन किया जा रहा है, वहां से सिर्फ तीन सौ घनमीटर मुरूम की निकासी कैसे हो सकती है? हजारों ट्रिप मुरूम की जहां से सप्लाई हो चुकी है, वहां से सिर्फ तीन सौ घनमीटर मुरूम की निकासी बताया जाना, संदेहों को जन्म दे रहा है। कहा जा रहा है कि मुरूम चोरों से साठगांठ के चलते मामले को दबाने के लिए मुरूम की निकासी कम बताई गई है। इतना ही नहीं उक्त दोनों वाहनों की जप्ती भी नहीं बनाई गई है, जिससे पूरी कार्रवाई संदेह के घेरे में आ गई है। पता चला है कि आज शाम ढलने के बाद उन्हीं वाहनों से बुद्धूभरदा के उसी खेत से फिर मुरूम की खुदाई और सप्लाई का खेल चल रहा था।
ब्लैक लिस्टेड वाहन से हो रहा अवैध परिवहन
सूत्रों के अनुसार बुद्धूभरदा में पैठू तालाब से कुछ दूरी पर जिन तीन हाइवा से मुरूम का परिवहन किया जा रहा था, उनके नंबर क्रमश: सीजी 08 एल 3882, सीजी 08 एजे 3898 और सीजी 08 एल 3404 हैं। पता चला है कि इनमें से दो वाहन राजनांदगांव के राहुल देवांगन और पवन कुमार ज्ञानचंदानी के नाम पर रजिस्टर्ड है। इसमें सबसे अहम बात यह है कि हाइवा क्रमांक सीजी 08 एल 3882 परिवहन विभाग के रिकार्ड में ब्लैक लिस्टेड वाहन है। यानि कि ब्लैक लिस्टेड वाहन का उपयोग अवैध रूप से मुरूम निकासी में भी किया जा रहा है। इसके बावजूद न तो ख्निज विभाग द्वारा उस वाहन पर कोई कार्यवाही की गई और न ही परिवहन विभाग द्वारा। ऐसे मेें खनिज माफियाओं की विभागीय साठगांठ की चर्चा को बल मिलने लगा है।
खनिज रायल्टी चोरी कर निकाली जा रही मुरूम
जिला मुख्यालय से लगे ग्रामीण क्षेत्रों में खेतों से अवैध रूप से मुरूम निकालकर बेचने का काम बेखौफ चल रहा है। खनिज विभाग की निष्क्रियता के चलते खनिज माफियाओं के हौसले बुलंद हैं। ग्राम बुद्धूभरदा मैदानी क्षेत्र है, जहां पर मुरूम की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता है। खनिज माफियाओं द्वारा किसानों को कुछ पैसों का लालच देकर उनके खेतों का समतलीकरण और गहरीकरण का लालच देकर खेतों से मुरूम निकाली जा रही है। गरीब किसानों की मजबूरी का फायदा इन ठेकेदारों द्वारा बखूबी उठाया जा रहा है। इन ठेकेदारों द्वारा किसानों को उनके खेतों का समतलीकरण और गहरीकरण का आश्वासन जरूर दिया जाता है, किंतु सच्चाई यही है कि मुरूम की खुदाई के बाद खेतों की न तो कोई मरम्मत की जाती है और न ही समतलीकरण। इसके कारण किसानों के खेत धान बोने के लायक भी नहीं रह जाते। इस तरह खनिज माफियाओं द्वारा किसानों को बेवकूफ बनाने का खेल खेला जा रहा है। दूसरी ओर ये ठेकेदार शासन को भी चूना लगा रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में रायल्टी की खुलेआम चोरी करने वाले इन ठेकेदारों पर खनिज विभाग भी नकेल नहीं कस पा रहा है अथवा मिलीभगत से सब कुछ चल रहा है।
इस मामले खनिज निरीक्षक सुभाष साहू का कहना है कि बुद्धूभरदा में अवैध रूप से मुरूम निकासी की सूचना है, जिस पर कार्यवाही की जाएगी।
नहर नाली को काटकर बना लिया रास्ता
ग्राम बुद्धू भरदा के जिस खेत से मुरूम की चोरी की जा रही है, वहां पहुंचने के लिए कोई आम रास्ता नहीं है। तालाब के बाजू से खुला मैदान के बाद नहर नाली को पार करने के बाद ही खेतों तक पहुंचा जा सकता है। इसके कारण मुरूम चोरी करने वालों ने नहर नाली को काट कर रास्ता बना दिया है, ताकि वाहनों को आसानी से लेजाया जा सके। जानकार सूत्र बताते हैं कि नहर नाली को विभाग की अनुमति के कोई काट नहीं सकता। यदि कोई ऐसा करता है तो उसके पुलिस में आपराधिक प्रकरण दर्ज हो सकता है।
इस बारे में जल संसाधन विभाग के ईई श्री भलावी का कहना है कि किसी भी व्यक्ति द्वारा शासकीय संपत्ति को इस तरह से नुकसान पहुंचाना अपराध की श्रेणी में आता है। बुद्धूभरदा मामले की एसडीओ को भेजकर जांच कराता हूं।

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