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नवरात्रि: मां शक्ति की आराधना में भी सावधान रहें

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कल से याने 17 अक्टुबर से आज शक्ति की आराधाना का पर्व नवरात्रि प्रारंभ हो रही है। चालू वित्तीय वर्ष की शुरूवात से ही कोविड-19 ने सामान्य जन जीवन को असामान्य बना दिया है। लोगों केे तन-मन-धन की भारी कसौटी तभी से हो रही है। अब त्यौहारों की शुरूवात मां दुर्गा के नवरात्र पूजा, जाप, भक्ति पर्व से हो रही है। श्रद्धालुजनों की अपेक्षा रहेगी कि जिस प्रकार माँ शक्ति ने महिषासुर का वध किया था, उसी प्रकार माँ दुर्गा कोरोना असूर को हरा कर पूर्व की भंाति जनजीवन को सामान्य बना दे। कोरोना महामारी किन्ही राज्यों में कम हो रही है तो किन्ही राज्यों मेे बढ़ती जा रही है।

जैसे-जैसे अनलाक में सुविधाएं बढ़ायी जा रही हैं, वैसे-वैसे कोरोना का खतरा बढ़ेगा, इसमें कोई संदेह नहीं है। शीतकालीन ऋतु में कोरोना के संक्रमण के बढऩे की संभावना को नकारा नहीं जा सकता। नवरात्रि के बाद दशहरा और दीवाली पर्व का आगमन होगा। तक भी संक्रमण के फैलाव को रोकना कठिन होगा।

केन्द्र सरकार ने लोगों को सावधान रहने की हिदायत दी है। माक्स का उपयोग, सामाजिक अन्तर, सेनेटाइजर या साबून से 20 सेकन्ड तक हाथों को धोते रहना के अलावा कोविड -19 के नियमों का पालन अनिवार्यत: करना होगा। तभी कोरोना संक्रमण से बचा जा सकता है।

जहां तक नवरात्रि का संबंध है, उसके लिए भी प्रत्येक राज्यों ने मार्गदर्शिका सार्वजनिक की है। सीमित निर्धारित संख्या में मय परिचय पत्र सहित श्रद्धालुजनों का प्रवेश मान्य होगा। शक्ति आराधना के दिनों के दौरान गरबा या पूजा माँ शक्ति के दर्शन को सार्थक करते हैं। शक्तिपीठों में आराध्य देवी प्रसन्न करने मंत्र-जापों की नवरात्र पर्व में विशेष महिमा है।
मदिरालय खुले हैं, चुनावी सभाएं भी हो रही हैं, लेकिन मंदिरो के पट नहीं खुले। यह मुद्दा पक्ष-विपक्ष के राजनीतिज्ञों के बीच भी गर्माया है। लाकलाडन से अनलाक तक के समय में सरकार के निर्णय भी समयानुसार बदलते रहे हैं। निर्णयों में भी अनिश्चितता दिखाई दी है।

कोरोना महामारी कम होने के बजाए बढ़ते ही जा रही है। कई युवा बेरोजगार हो गए। उद्योग धंधे ठप हो गए। कोरोना वेक्सीन की शोध भी अभी तक पजल गेम जैसी है। कोविड-19 की वैक्सीन बाजार में कब आयेगी? यह भी अनिश्चित है। अनलाक के बढ़ते दायरे में हर किसी को बहुत सावधान रहने की आवश्यकता है। नि:संदेह नवरात्र पवं की विशेष महिमा है। घर पर ही माँ शक्ति की आराधना करने समय का तकाजा है। श्रद्धालुजन कोविड-19 नियमों का पालन करंेगे, ऐसी अपेक्षा है।

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