शहर में एक युवा व्यापारी की कोरोना से मौत
राजनांदगांव(दावा)। जिले में कोरोना संक्रमण की रफ्तार बेहद खतरनाक रुप से बढ़ रही है। कोरोना की दूसरी लहर अब युवाओं को भी जकड़ रही है और संक्रमण में आ रहे लोग सीधे मौत के मुंह में समा रहे हैं। पहले के दौर में कोरोना संक्रमण 50 साल से अधिक उम्र दराज लोगों को अधिक प्रभावित कर रहा था, लेकिन दूसरी लहर युवाओं और बच्चों को भी काफी प्रभावित कर रहा है। गौरतलब है कि जिले में प्रदेश के दूसरे जिलों की तरह कोरोना से मौतों का सिलसिला बढ़ रहा है। दिन-ब-दिन कोरोना के आंकड़ों में बढ़ोत्तरी हो रही है। कोरोना की चपेट में आने से न सिर्फ कोरोना वारियर्स बल्कि गैर कोरोना वारियर्स की भी मौतें हो रही है।
वेंटीलेटर के अभाव में हुई वैभव की मौत
सूत्रों के अनुसार जिला अस्पताल में वेंटीलेटर की कमी बनी हुई है। सीरियस मरीजों को वेंटीलेटर में रखना जरूरी होता है। वैभव की भी हालत काफी नाजुक बनी हुई थी, किंतु वेंटीलेटर का समय पर इंतजाम नहीं होने के कारण उन्हें बचाया नहीं जा सका। मृतक वैभव खोब्रागढ़े उम्र ३5 साल शहर का युवा फ्लैक्स कारोबारी था। वैभव की गंभीर हालत को देखते हुए उसके परिजन अस्पताल में डॉक्टरों से तत्काल वेंटीलेटर की व्यवस्था कराने की गुहार लगाते रहे, किंतु सारे प्रयास बेकार साबित हुए। वहीं 45 साल से कम उम्र के कुछ अन्य संक्रमितों की मौत होने की जानकारी सामने आई है। इससे जाहिर हो रहा है कि वैश्विक महामारी कोरोना उम्रदराज लोगों को मौत की नींद सुलाने के बाद युवाओं पर भी कहर बरपा रहा है।
दो स्वास्थ्य कर्मचारी की शनिवार को मौत
जिले में कोरोना वायरस का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। शनिवार को जिले में कुल 14 लोगों की मौत हो गई है। इनमें कोरोना वारियर्स के रूप में काम करने वाली डोंगरगढ़ ब्लॉक के ग्राम मुसरा में पदस्थ असिस्टेंट मेडिकल ऑफिसर एकता उपाध्याय की शनिवार को मौत हो गई। वहीं इससे पहले डोंगरगांव सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ वॉर्ड बॉय यूनुस खान की मौत हुई थी। दोनों ही मौतों से स्वास्थ्य महकमे में हडकंप मच गया है।
आक्सीजन और वेंटीलेटर की कमी से मौत
मिली जानकारी के अनुसार जिले के सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में वेंटिलेटर और आक्सीजन सिलेंडर की भारी किल्लत है। लिहाजा आक्सीजन लेवल गिरने से परेशान मरीजों को वेंटिलेटर उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। बताया जा रहा है कि राजनांदगांव में वेंटिलेटर के लिए साधन और संसाधन की कमी से प्रशासन की मुश्किलें बढ़ रही है। वहीं अस्पतालों में कोरोना संक्रमित मरीजों को दाखिला भी नहीं मिल रहा है। ऐसे में संक्रमित मरीजों को घर में क्वारेंटाईन करने की प्रशासन के सामने मजबूरी भी है। बताया जा रहा है कि शनिवार को युवा व्यवसायी वैभव खोब्रागढ़े की मौत वेंटिलेटर की कमी से हुई है।
तेजी से बढ़ रहा मौत का आंकड़ा
जिले में कोरोना संक्रमण तेजी से बढऩे के साथ-साथ मौतों का सिलसिला भी बढऩे लगा है। जानकारी के अनुसार 1 से 10 अप्रैल के बीच जिले भर में 7651 लोग कोरोना संक्रमित पाए गए, जिसमें शहरी क्षेत्र से 2678 और ग्रामीण क्षेत्र से 4973 लोग शामिल हैं। वहीं इन 10 दिनों में 47 लोगों ने कोरोना के चलते अपनी जान गंवा दी है। जिले भर में लगातार कोरोना के बढ़ते आंकड़ों को लेकर प्रशासन ने 19 अप्रैल सुबह तक जिलेभर को कंटेनमेंट घोषित करते लॉकडाउन कर दिया है। वहीं इस लॉकडाउन से पूर्व शहरी समेत ग्रामीण क्षेत्रों के बाजारों में लोगों की भीड़ खरीददारी करने उमड़ती दिखाई दी। आने वाले दिनों में कोरोना संक्रमण के आंकड़े और काफी बढऩे की संभावना है। क्योंकि लॉकडाऊन के पहले बाजार में जिस तरह से भीड़ उमड़ी थी। इससे लोग कोरोना को अपने घरों तक ले गए है। ऐसे में जांच की संख्या बढऩे पर कोरोना संक्रमितों की संख्या और अधिक होने से इंकार नहीं किया जा सकता।