राजनांदगांव(दावा)। छत्तीसगढ़ शासन का वैश्विक महामारी कोरोना से लडऩे के लिए आई वैक्सीन टीकाकरण 18 से 44 वर्ष तक के लोगों के लिए भेदभाव पूर्ण निर्णय लेना आम लोगों को रास नहीं आ रहा है। सामाजिक कार्यकर्ता एवं कपड़ा व्यवसायी देवीशरण खंडेलवाल ने कहा कि क्या बीमारी भी भेदभाव के साथ आती है, जो उन्हें इससे लडऩे के लिए बनी वैक्सीन के टीकाकरण के लिए भेदभाव किया जा रहा है।
ज्ञात हो कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार ने वैक्सीन टीकाकरण के लिए जो कि 18 से 44 वर्ष तक के व्यक्तियों के लिए 1 मई से प्रारंभ किया गया है, उन्हें पहले अंत्योदय कार्डधारी को यह टीका लगेगा, उसके पश्चात बीपीएल श्रेणी के लोगों को टीकाकरण किया जावेगा, और उसके पश्चात एपीएल श्रेणी के लोगों का टीकाकरण होना है। छत्तीसगढ़ सरकार का यह निर्णय निश्चित ही गरीबों के लिए वरदान होगा, लेकिन यहां सवाल है क्या एपीएल वाले बीमार नहीं होते, जिनके लिए यह टीका उन्हें बाद में लगेगा। और तब तक वह इस बीमारी से कैसे लड़ेंगे इसकी कोई योजना सरकार के पास नहीं है। इधर विपक्ष ने भी इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाने की बात कही है। श्री खंडेलवाल ने कहा है कि क्या एपीएल के लोग इस बीमारी से नहीं मर रहे हैं या उन्हें यह बीमारी नहीं आ रही है, जिसके लिए उन्हें टीकाकरण से अभी दूर रखा जा रहा है। छत्तीसगढ़ की कांग्रेस की सरकार का यह तानाशाही रवैया एपीएल श्रेणी के लोगों के मन में आक्रोश पैदा कर रहा है, यह आक्रोश किस रूप में टूटेगा यह आने वाला भविष्य ही बताएगा।
श्री खंडेलवाल ने कहा कि एक जानकारी के अनुसार वर्तमान में निजी अस्पतालों में भी दिए गए वैक्सीन को सरकार ने वापस ले लिया है। अब वैक्सीन टीकाकरण केवल सरकारी अस्पतालों में ही होगा। पूर्व में जिन्हें पहला डोज लग चुका है और वह निजी अस्पताल में लगाए हैं, अब वह भी भटक रहे हैं कि उन्हें दूसरा डोज कहां और कब, कैसे लगेगा। क्या दूसरे डोज में भी इसी तरह का भेदभाव वाला निर्णय लिया जावेगा कि पहले अंत्योदय फिर बीपीएल और उसके पश्चात एपीएल वालों को वैक्सीन का टीकाकरण होगा। अगर यह निर्णय लिया गया तो बहुत ही गलत निर्णय साबित होगा।