राजनांदगाँव(दावा)। सरपंच संघ के अध्यक्ष नोमेश वर्मा ने जारी बयान में कहा है कि जिला अस्पताल बसंतपुर में अव्यवस्था का ऐसा हाल है कि जो मरीज 108 एम्बुलेंस से ऑक्सीजन की कमी व निमोनिया जैसी समस्या के लिए पहुंच रहे हैं, उन्हें सिर्फ बेड देकर खानापूर्ति की जा रही है। मरीज व उनके परिजन अस्पताल प्रबंधन व डॉक्टर के आने की राह देखते हुए बेड पर लेटे पड़े हैं। कोई मरीज को देखने व दवाई देने वाला जिम्मेदार डॉक्टर ही नही है।
उन्होंने अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि वह लगातार दो दिनों से स्वयं अस्पताल जा रहे हैं। वहाँ उन्हीं के गांव के दो मरीज जिनमें एक महिला आर्थो वार्ड व पुरुष आर्थो वार्ड में भर्ती है। इन्हें भर्ती हुए तीन दिन होने के बाद भी न डॉक्टर हालचाल जानने पहुंचे और न ही कोई इन्जेक्शन व दवाई दिए हैं। ऐसे में कोई मरीज कैसे स्वस्थ होगा? केवल ऑक्सीजन लगाने मात्र से मरीज ठीक नही होगा। आखिर अस्पताल प्रबंधन ने वहाँ गरीबों को जानबूझ कर मरने के लिए क्यों छोड़ दिया है? शायद प्रबंधन को पता है कि गरीब लोग कोई हल्ला या प्रदर्शन नहीं करने वाले हैं। तीन दिन में एक दवाई या किसी भी प्रकार का उपचार न होना अस्पताल की घोर लापरवाही को उजागर करता है।
वर्मा ने कहा कि आखिर कब सुधरेगी अस्पताल की हालत व कब जिम्मेदारी समझेंगे डॉक्टर? आखिर अस्पताल/ डॉक्टरो की लापरवाही से कब तक होती रहेगी गरीबो की मौत? यदि अस्पताल की अव्यवस्था को वास्तव में देखना है तो मंत्री, सांसद, विधायक, कलेक्टर और स्वयं चिक्तिसा अधिकारी मरीज या उनके परिजन बनकर अस्पताल में जाएं तो सच का पता चल जाएगा। वर्मा ने कहा कि यदि इलाज के लिए दवाई नहीं है तो डॉक्टर दवाई लिखकर आसपास के मेडिकल स्टोर से मंगाकर मरीज को दे सकते हैं। प्रदेश के मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री, प्रभारी मंत्री से निवेदन है कि अस्पताल की व्यवस्था दुरस्त करें।