Home समाचार पैरामेडिकल कोर्स किए डॉक्टरों ने भयावह स्थिति बनने नहीं दी- विष्णु लोधी

पैरामेडिकल कोर्स किए डॉक्टरों ने भयावह स्थिति बनने नहीं दी- विष्णु लोधी

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डोगरगढ़ (दावा)। जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ जे के जिलाध्यक्ष विष्णु लोधी ने कहा है कि कोरोना की भयावह स्थिति जो मीडिया के माध्यम से आज देखने सुनने को मिल रही है. यह स्थिति और भी भयावह होती यदि ग्रामीण क्षेत्रों में झोला छाप डॉक्टर कहकर जिन्हें अपमानित किया जाता है उन्होंने व्यवस्था नही संभाली होती.
बदलते मौसम में ग्रामीण क्षेत्रों में सर्दी खांसी बुखार के बहुतायत मरीज देखने को मिलेंगे यदि इन्होंने कोरोना जांच करवाई तो निश्चित ही ग्रामीण क्षेत्रों की स्थिति और भी भयावह नजर आएगी, किन्तु आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के स्वास्थ्य की यह बड़ी जिम्मेदारी ग्रामीण क्षेत्रों में पैरामेडिकल जोगी डॉक्टरों ने संभाल रखी है. सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य कार्यकर्ता व मितानिन बहनों को स्वास्थ्य की जवाबदारी दी है. जो समय समय पर ग्रामीण क्षेत्रों के घरों में जा जाकर दवाओं का वितरण करती है. जबकि यह भी कोई एम बी बी एस डिग्रीधारी नही है.ठीक इसी तरह ग्रामीण क्षेत्रों में 3 वर्ष का पैरामेडिकल कोर्स किए डॉक्टरों को भी प्राथमिक इलाज हेतु सरकार अधिग्रहित करे. विष्णु लोधी ने कहा की सरकार गाँव गाँव मे एम बी बी एस डिग्रीधारी की नियुक्ति तो दे नहीं सकती और यदि दे भी दे तो एम बी बी एस गाँव मे 24 घण्टे सेवा देने वाले नहीं, क्योंकि 25-50 गाँव के बीच एक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ एमबीबीएस डॉक्टर भी जब सेवा देने में लापरवाही करते हैं ऐसे में 24 घण्टे ग्रामीण क्षेत्रों में इनसे सेवा की उम्मीद करना धोखा ही होगा. विष्णु लोधी ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में यदा कोई कोई मरीज की मौत हो जाती है तो मीडिया में हल्ला हो जाता है कि झोला छाप डॉक्टर के इलाज से मौत जबकि डिग्रीधारी एम बी बी एस डॉक्टरों से भी बड़े बड़े अस्पतालों में रोजाना बहुतायत मरीजों की मौत हो जाती है. किंतु कोई हल्ला नही होता मानो एम बी बी एस डॉक्टर को इलाज के साथ साथ मौत की भी छूट डिग्री के माध्यम से दे दी गई हो. वर्तमान कोरोना काल मे निजी अस्पतालों शहरी स्वास्थ्य व्यवस्था नर्सिंग होमों पर नजर डालें तो शिवाय लूट के कुछ भी सुनने को नही मिलेगा.उल्टा कोई अन्य बीमारी का इलाज कराने भी जाय तो पहले कोरोना जांच पोजिटिव आ गया तो जो उनकी मूल बीमारी उसका इलाज नही कोरोना इलाज के नाम पर लाखों का बिल लाखों की लूट और यही कारण है मौत का कारण. सरकार यदि गहराई में जाय और गांव गांव जांच करवाएं तो अधिकांश सर्दी खांसी वाले पॉजिटिव निकलेंगे जो झोला छाप डॉक्टरों के सहारे ही आज भी जीवन जी रहे हैं.

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