सोमवार से शुरु हुई मंडी में फसल बेचने पहुंचे किसान
राजनांदगांव (दावा)। लॉकडाउन में करीब डेेढ़ माह से बंद जिलेभर की मंडियां कोविड-19 की सख्त शर्तों के बीच सोमवार को खुल गई। ग्रीष्मकालीन उपज बेचने के लिए किसान लगातार मंडी खोले जाने की मांग कर रहे थे। पहले दिन करीब 200 किसानों को कोविड टेस्ट के बाद मंडी में प्रवेश दिया गया। पहले दिन ही किसानों द्वारा बड़ी मात्रा में अपनी उपज की बिक्री की गई। गौरतलब है कि किसानों की व्यवहारिक दिक्कत को समझते हुए प्रशासन ने 24 मई यानी सोमवार से मंडियों को खोलने की अनुमति दी। मंडी में फसलों की खरीदी-बिक्री के लिए प्रशासन ने एक निश्चित समय भी निर्धारित किया है।
7 हजार धान की बोरियों की हुई नीलामी
इससे पहले मंडी परिसर में कोविड-19 शर्तों का पालन करते हुए मंडी प्रबंधन ने करीब 250 किसानों का एंटीजन टेस्ट किया। वहीं कुछ किसानों ने पूर्व में कराए गए टेस्ट की रिपोर्ट को मोबाइल के जरिये प्रबंधन को दिखाया। बताया जा रहा है कि आज किए गए टेस्ट में सभी निगेटिव रहे। इससे मंडी प्रशासन ने राहत की सांस ली। सुबह 6 से दोपहर 2 बजे तक खरीदी-बिक्री की छूट दी गई है। लिहाजा मंडी खुलने के पहले दिन 7 हजार धान की बोरियों के अलावा गठानी फसल की 250 बोरियां मंडी पहुंची।
किसानों को मिला कोचियों से छूटकारा
इस संबंध में मंडी सचिव आरएल साहू ने बताया कि कोरोनाकाल में सख्त पाबंदियों के बीच खरीदी-बिक्री हुई। सभी तरह के नियमों का मंडी प्रबंधन द्वारा पालन किया गया। इस बीच आज सुबह से मंडी परिसर में किसानों की भीड़ नजर आई। हालांकि नियम-शर्तों के तहत भीड़ में मौजूद किसानों को नियमानुसार ही परिसर में दाखिल होने की अनुमति दी गई। जिले में मंडियों के खुलने से किसानों को कोचियों से छुटकारा भी मिला। कई किसानों ने मजबूरी में अपनी फसल को सस्ते दाम पर कोचियों को बेचा। इसी के चलते किसान संघ ने मंडी खोलने के लिए प्रशासन पर दबाव बनाया था।