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कोरोनाकाल में सेवा लेने के बाद निकाले गए संविदाकर्मियों ने किया प्रदर्शन

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हटाए गए कर्मियों ने जोगी कांग्रेस के साथ प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन
राजनांदगांव (दावा)।
कोरोनाकाल में स्वास्थ्य महकमे के साथ कंधे से कंधा मिलाकर संविदाकर्मी के तौर पर सेवाएं देने वाले कर्मियों को सेवामुक्त किए जाने के विरोध में बुधवार को छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस के बैनर तले पीडि़तों ने धरना प्रदर्शन किया। कार्यमुक्त किए जाने से नाराज संविदाकर्मियों ने आरोप लगाया कि विभाग द्वारा 11 माह की सेवा देने के बाद अचानक छुट्टी कर दी गई, जिसके चलते अब उनके सामने आर्थिक चुनौती खड़ी हो गई है। प्रदर्शन के दौरान कर्मियों ने मुख्यमंत्री के नाम अपर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा।

प्रदर्शनकारियों ने कहा कि संविदा के तौर पर कार्य करते कर्मियों ने अपनी जान जोखिम में डालकर आम लोगों की सेवाएं की। जिले में ऐसे 55 स्टॉफ नर्स हैं, जिन्हें सेवामुक्त किया गया है। वहीं अन्य पदों में कार्यरत कर्मियों को भी पद से हटा दिया गया है। संविदाकर्मी रहे पीडि़तों का आरोप है कि फंड नहीं होने का हवाला देकर सेवा से पृथक किया गया है। जबकि विभाग के पास दैनिक वेतनभोगियों के लिए भुगतान करने पर्याप्त फंड है।

11 माह तक आपात स्थिति में दिए हैं सेवा
इस संबंध में प्रियंका नामक स्टॉफ नर्स ने बताया कि डर और चुनौती के माहौल के बीच संविदाकर्मियों ने निष्ठापूर्वक कार्य किया। 11 महीने तक निर्भिक होकर लोगों की जान बचाने के मुहिम में सभी ने बराबरी के साथ कार्य किया। तीसरी लहर की आशंका के बीच सैकड़ों संविदाकर्मियों को विभाग ने हटा दिया है। जिसका विरोध करने के लिए सभी धरने में शामिल हुए हैं। इस संबंध में जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ जे के प्रदेश कोर कमेटी सदस्य नवीन अग्रवाल ने कहा कि एसडीआरएफ के अंतर्गत कोरेाना काल में सेवा दे रहे स्वास्थ्य कर्मियों को स्वास्थ्य विभगा के एनएचएम के अंतर्गत निरस्त सेवा में रखे सरकार, जिससे आने वाले समय में कोरोना काल की तीसरी लहर आगर आती है तो हमारे पास स्टॉफ नर्सों की कमी न हो और स्वास्थ्य कर्मी एक वर्ष से स्वास्थ्य विभाग में सेवा दे रहे हैं।

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