राजनांदगांव (दावा)। छत्तीसगढ़ में करीब पांच लाख सरकारी कर्मचारी कांग्रेस सरकार की गलत नीति व विफल वित्तीय प्रबंधन से हड़ताल पर है जिससे आम नागरिकों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। कर्मचारियों के हड़ताल का समर्थन करते हुए भाजपा जिलाध्यक्ष श्री यादव ने कहा कि छत्तीसगढ़ में अजब विडंबना है वेतन के लिए हड़ताल सरकारी कर्मचारी कर रहे है और वेतन विधायक और मंत्री के बढ़ रहे है। 2018 विधानसभा चुनाव के पूर्व समस्त कर्मचारियों के पंडालो में जा-जाकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने चुनावी वादों की गंगा बहा दी थी किन्तु वर्तमान स्थिति में कर्मचारियों को सिर्फ झुनझुना ही पकड़ा रही है। कभी कमेटी बना कर कमेटी झुनझुना तो कभी फंड की कमी का झुनझुना। विगत चार सालों से मनरेगा कर्मी से लेकर स्वास्थ्य कर्मी व संविदा कर्मी को किये अपने वादों पर कांग्रेस सरकार मुकर गयी है। छत्तीसगढ़ शासन की वित्तीय स्थिति का आलम यह है कि सरकार खुद की संचालित योजनाओ के लिए फंड का रोना रो रही है व केंद्र सरकार द्वारा संचालित योजनाओ में सिर्फ केन्द्रांश राशि का उपयोग कर योजनाए चल रही है।
भाजपा जिलाध्यक्ष ने आगे कहा कि अधिकारी कर्मचारी के हड़ताल से कामकाज पूरी तरह ठप्प हो चूका है प्रदेश की जनता दर-दर भटक रही है और प्रदेश के मुखिया हिमाचल प्रदेश के चुनावी बैठक में व्यस्त है। गेंडी, भौरा, बांटी, नाचा, गम्मत, बासी में शासकीय पैसो का दुरपयोग करने वाली सरकार उत्तर प्रदेश चुनाव के समय छत्तीसगढ़ में सीमेंट का रेट बढ़ाती है तो हिमाचल, गुजरात चुनाव के समय बिजली के दरों में वृद्धि कर देती है । छत्तीसगढ़ को एटीएम और हड़तालगढ़ बनाकर कांग्रेस की सरकार अपनी ताबूत पर आखिरी कील ठोक चुकी है।