राजनांदगांव: संसद में राहुल एवं सोनिया गांधी द्वारा संविधान की किताब लहराए जाने पर पूर्व प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष एवं वरिष्ठ नेता खूबचंद पारख ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है उन्होंने कहा कि दस साल तक कांग्रेस पर मोदी नाम का भूत चढ़ा रहा, अब आंखें थोड़ी खुली तो संविधान की पुस्तक का भूतचढ़ गया है। संविधान के लाल रंग के इस पाकेट एडिशन को हाथ में लेकर राहुल गांधी संसद के भीतर औरसोनिया संसद के बाहर लहराते रहे।
कल संसद का पहला ही दिन था, कोई कामकाज नहीं होना था, सिर्फसांसदों को शपथ लेनी थी। लेकिन अगली पंक्ति में बैठे राहुल गांधी ने रैड बुक तब लहराई जब मोदी औरशाह शपथ लेने आए। मजेदार बात यह कि ठीक उसी समय उनकी मां सोनिया गांधी संसद के बाहरसंविधान की प्रति लेकर सहयोगियों के साथ जोर जोर से लहरा रही थीं।
श्री पारख ने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि समझ नहीं आया कि जिस संसद की इमारत खुद ही संविधान पर टिकी हैं, वहां संविधान की प्रतियांदिखाकर कांग्रेस साबित क्या करना चाहती है? कांग्रेस और इंडी वाले चुनाव के समय भी संविधान संविधानखेल रहे थे।
यह ठीक है कि चुनाव के दौरान विपक्ष ने चुनाव बाद संविधान बदलने का डर दिखाया जो कामआया। परन्तु अब लाल किताब दिखाकर क्या कांग्रेस खुद को संविधान का मसीहा साबित करना चाहती है?* क्या यह बताना चाहती है कि इस देश की नियंता कांग्रेस पार्टी है? देश ने संविधान का गला घोटते हुएआपकी सूरत 1975 में भी देखी, नसबंदी की चीत्कार में भी देखी, 84 के दंगों में भी देखी।
खूबचंद पारख ने कहा कि राहुल साहब जरा गौर फरमाइए कि आज तारीख क्या है? 25 जून याद दिला दें 25 जून। यानि 1975 मेंआपकी दादी द्वारा लगाए गए आपातकाल की 50 वीं बरसी? संविधान के तमाम पन्नों को तार तार करनेवाले 21 महीनों की दास्तान। जयप्रकाश नारायण सहित तत्कालीन समूचे विपक्ष को जेलों में ठूंसने का वर्ष।कितने जुल्म ढाए थे इंदिरा की सरकार ने? बेवजह संविधान की दुहाई मत दीजिए राहुल गांधी। कांग्रेस कापानी इस देश ने खूब देखा है। आपातकाल की याद हमें भी खूब है और करोड़ों देशवासियों को भी।
क्योंखामख्वाह संविधान संविधान चिल्ला रहे हैं? याद करे कांग्रेस की उसने कितनी बार देश की चुनी हुई सरकारें गिराई हैं, कितनी बार राष्ट्रपति शासन लगाए हैं? संविधान में कितने बार संशोधन किए हैं?
श्री पारख ने पुरानी स्मृति को याद दिलाते हुए कहा कि अरे साहब, राजीव गांधी ने शाहबानो प्रकरण पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश को दरकिनार कर दिया और ज्यादा दूर जाने की जरूरत नहीं है आपकी पार्टी ने मनमोहन सिंह सरकार के लिए गए फैसले के आदेश की कॉपी को संसद में राहुल गांधी ने सबके सामने फाड़ दिया था, तब संविधान कहां था?
सोनिया जी याद कीजिए बाबरी ढांचाटूटने के बाद यूपी की सरकार भंग करने के बजाय आप की केन्द्र सरकार ने भाजपा शासित चार राज्यों कीसरकारें गिरा दी थी? वह संविधान का उल्लंघन था या संरक्षण? संजय गांधी को कौन सी संवैधानिक धाराके अन्तर्गत इंदिरा ने सुपर प्रधानमंत्री बना दिया था। तो सांसद में काम कराए इंडी अलायन्स? ये रोज रोजसंविधान जैसे राष्ट्रग्रंथ को जेबों में उठाए मत घूमिए! गौर करें राहुल गांधी, संविधान की मर्यादा कायमरखिए। यह राष्ट्र ग्रंथ है कोई जेबी पॉकेट बुक नहीं है।