० दो माह का एक मुश्त
हजारों का बिल आने से उपभोक्ता परेशान
० शासकीय राहत भी रखी जा रही दर किनार… लोगों में रोषक
राजनांदगांव (दावा)। इन दिनों दो माह का एकमुश्त बिजली बिल हजारों रूपये में आने से लोग परेशान है। कोरोना काल में अपना काम धंधा बंद कर घरों में दुबके लोगों के पास इतना पैसा नहीं कि लोग मार्च व अप्रैल माह के आए हजारों रूपये के बिजली बिल को पटा सके।
विद्युत पारेशन कंपनी द्वारा इस आपदा काल में भी जबरदस्ती थोपे जा रहे हजारों रूपये के बिजली बिल से लोगों में जबरदस्त आक्रोश निर्मित हो रहा है। लोगों का कहना है कि विद्युत कंपनी न तो छ.ग. सरकार द्वारा मार्च व अप्रैल माह के बिजली बिल में दी गई अधिभार की छूट का लाभ दे रही है और न सही ढंग से प्रति माह 400 यूनिट के सरकारी छूट का लाभ उपभोक्ताओं को मिल पा रहा है। ऊपर से दो-दो माह का एक मुश्त हजारों रूपये में बिजली बिल उपभोक्ताओं को भेज दिये जाने। इससे अर्थाभाव से जूझ रहे उपभोक्ताओं के समक्ष चिंता की स्थिति उत्पन्न हो गई है। बिल नहीं पटाने से गर्मी के दिनों में विभाग लाईन न काट दे इसलिए लोग बढ़े हुए बिजली बिल को दूसरों से कर्जा लेकर पटाने के मजबूर है।
कर्जा लेकर बिल पटाने विवश ग्राम सुंदरा निवासी कुंभकरण साहू ने बताया कि प्रति महिने उनका बिजली बिल दो-ढाई सौ रूपये आता है लेकिन इस बार बिजली कंपनी ने मार्च और अप्रैल का बिजली बिल 1600 रूपये भेज दिया है। इसी तरह सोलह खोली स्टेशन पारा निवासी मनीष पांडे ने बताया कि उन्होंने 1240 रूपये का बिल भेज गया। एक ग्रामीण 9000 रूपये की बिजली बिल आने से सिर पकड़ कर बैठा रहा। उन्होंने बताया कि गांव देहात में मुश्किल से एक-दो ट्यूब टाइट व पंखा चलाते है इसके लिए दो माह का 9 हजार रूपये बिजली बिल भेजा जाना हम गरीबों के साथ अन्याय है। लाकडाउन के चलते काम-धंधे बंद पड़े है। हाथ में पैसे नहीं है। इतनी बड़ी बिजली बिल की राशि आखिर पटाए तो पटाए कहा से? गौरीनगर निवासी ब्रहमा की बिजली बिल 4510 रूपये आया है। भरकापारा निवासी खेमचन्द का बिजली बिल 1410 रूपये तथा विजय कानूगा का बिजली बिल हजारों में आया है। सभी अपने बिल चेक करवा रहे है। लेकिन कही किसी को कोई फायदा नहीं मिल रहा। सिर्फ रमेश नामक एक व्यक्ति का 670 रूपये के बिल में मात्र 210 रूपये की कटौती की गई।
शासन से मिली छूट का लाभ नहीं
ज्ञात हो कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कोरोना संकट के चलते प्रदेश के सभी बिजली उपभोक्ताओं के दो माह के बिजली बिल में अधिभार माफ करने तथा प्रतिभार 400 युनिट की छूट देने का निर्देश बिजली कम्पनी को दिया था। सीएम ने लाकडाउन के चलते घरों में दुबके लोगों के पास पैसे नहीं होने के कारण मार्च माह को बिजली बिल भी नहीं भेजने का निर्देश भी दिया था। इसके बाद भी बिजली की कम्पनी बगैर शासकीय छूट के मार्च एवं अप्रैल माह का बिजली बिल एक मुश्त एवं बढ़ी हुई राशि में भेज कर लोगों की कमर तोडऩे का काम किया है। बताया जाता है कि विद्युत कम्पनी शासन के 400 यूनिट प्रति माह छूट के हिसाब से 2 माह के भेजे गये बिजली बिल में 800 युनिट का छूट न देकर मात्र एक माह की ही 400 युनिट का छूट दे रहा है इससे लोगों की बढ़ी हुई राशि में बिजली बिल आ रहे है। इससे लोगों में विद्युत कम्पनी के प्रति नाराजगी बढ़ी हुई है।
उपभोक्ताओं के दोनों महिने के बिल में 400-400 युनिट छूट करके भेजे जा रहे है चुंकि लोग अभी तक डाउन के चलते घरों में इसलिए पंखा, कुलर, टी.वी., फ्रिज, लाइट सभी चालू है। गर्मी के दिनों से इससे खपत और भी बढ़ गई है इसलिए बिजली का बिल ज्यादा आ रहा है। यदि किसी के बिल में त्रुटि है तो आकर सुधरवा ले…
– एस.एन. मूर्ति, डीई, छगराविविकं.