Home छत्तीसगढ़ ‘नहीं सहेंगे’ मुहिम: घरेलू हिंसा पर अब उठेगी मुखरता से आवाज

‘नहीं सहेंगे’ मुहिम: घरेलू हिंसा पर अब उठेगी मुखरता से आवाज

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राजनांदगांव(दावा)। कोरोना वायरस के लिए किया गया लॉकडाउन घरों में रिश्तों को समय की कसौटी पर कस रहा है। जैसे-जैसे लॉकडाउन बीत रहा है घरेलू हिंसा के मामलों में वृद्धि हो रही है.
इसी तारतम्य में राजनांदगांव पुलिस द्वारा घरेलु हिंसा के रोकथाम के लिए नहीं सहेंगे नामक अनूठी मुहीम की शुरुआत की गई है. इस मुहीम के माध्यम से अब कोई भी पुरुष और महिला घर में हो रहे घरेलू हिंसा पर रिपोर्ट कर सकता है और पुलिस तक अपनी बात को पूरी मजबूती से रख सकता है।
लॉकडाउन के चलते कोई महिला घर से बाहर तो नहीं निकल सकती, लेकिन वह अपनी शिकायतें फोन के माध्यम से पुलिस तक पहुंचा रही है। वहीं पुलिस विभाग के अनुसार अधिकतर महिलाएं अपना दर्द छुपाए घर पर ही बैठी हैं, जो न ही तो इसकी शिकायत दे सकती हैं और न ही महिला आयोग तक अपना दर्द पहुंचा सकती है। अधिकांश महिलाएं जो पढ़ी लिखी हैं और फोन चला सकती हैं उन महिलाओं ने पुलिस विभाग तक अपना दर्द पहुंचाया है।
महिलाएं यहां कर सकतीं हैं शिकायत
जिले में अगर किसी महिला के साथ उसका पति या कोई और हिंसा कर रहा है तो वह अपनी शिकायत घर बैठे ही दे सकती है, जिसमें या तो थाने में आकर शिकायत करनी होगी या अपनी शिकायत देने के लिए 98261-50941 या 94791-92199 पर फोन कर सकती हैं या व्हाट्सप्प भी कर सकती है। इसके साथ-साथ इस डिजिटल युग में महिलाएं राजनांदगांव पुलिस के अधिकारिक फेसबुक हैंडल या ट्विटर में भी जानकारी दे सकती हैं।
इस विषय पर पुलिस अधीक्षक जितेन्द्र शुक्ला का कहना है कि राजनांदगांव में किसी भी घर में किसी भी प्रकार की घरेलु हिंसा न हो ऐसा हमारा प्रयास है. कोरोना से लड़ाई के साथ साथ हम सभी को ऐसी कुरीतियों से भी लडऩा है जो हमारे समाज के माथे में कलंक है. हमारी पूरी टीम घरेलु हिंसा के मामले के समाधान एवं रोकथाम के लिए तैयार है तथा मैं शहर की जनता से अपील करता हूँ की आप सभी इस मुहीम से जुड़े और अपने घर या आस-पड़ोस में होने वाले किसी भी प्रकार की घरेलू हिंसा को न सहें और हम घरेलू हिंसा पर कड़ाई से कार्यवाही करेंगे।
महिलाओं के अधिकारों को करेंगे सुनिश्चित-सुरेशा चौबे
इस मुहिम पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सुरेशा चौबे का कहना है की घरेलू हिंसा से संबधित शिकायतें पहुंच रही हैं, कोशिश की जा रही है कि महिला को घर बैठे ही बिना लॉकडाउन तोड़े राहत दी जाए। इसके लिए हम नही सहेंगें नहीं सहेंगे कैंपेंन की शुरुआत की है, ताकि जल्द से जल्द महिलाओं की रक्षा के साथ उन्हें न्याय मिल सके। इस मुहिम के माध्यम से महिलाओं के अधिकारों को सुनिश्चित करेंगे। इन 50 दिनों में राजनांदगांव में 56 घरेलू हिंसा के मामले सामने है, जिस पर पुलिस प्रशासन क़ानूनी तरीके से कार्यवाही कर समाधान कर रही है. इस विषम परिस्थिति में महिलाओं को न्याय दिलाने के लिए राजनांदगांव पुलिस द्वारा निश्चित ही नहीं सहेंगे मुहिम के अनूठी पहल है. इस मुहिम के माध्यम से घरेलू हिंसा के मामले में कमी आएगी.

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